मंगलवार, 27 जुलाई 2010

कैप्टन नेमो

कुछ दिन पहले एक ब्लॉग पढ़ा, जिसमें La vita e bella नामक इतालवी फिल्म के प्रमुख चरित्र गुइडो ओरिफ़िचे के हँसमुंख चरित्र को दर्शाया गया था| कई अच्छे पोस्टों की श्रेणी में यह भी एक पोस्ट थी, जो मुझे याद रह गई| पता नहीं, लेखक ने इस तरह के और पोस्ट लिखे या नहीं, क्योंकि इसके लेखक और ब्लॉग का नाम मुझे याद नहीं| फिर, मेरे मन में भी आया कि एक प्रमुख साहित्यिक पात्र का आपसे परिचय करवाऊँ, जो विज्ञान गल्प की श्रेणी में बहुत ऊँचा स्थान रखता है| 

कभी आप को मौका मिले तो विज्ञान गल्प के प्रमुख लेखक जुले वेर्न (Jules Vern) को अवश्य पढ़ें| यह एक फ्रांसीसी लेखक थे, और फ्रांसीसी भाषा से इन के उपन्यास दुनिया की अनेक भाषाओं में अनूदित हुए हैं| मैं अंग्रेज़ी नामों का सहारा ले रहा हूँ, ताकि कभी आपको पढ़ने का मौका मिले तो आप खरीद या पढ़ सके|  यह कहा जाता है कि विज्ञान गल्प की शुरुआत उन्होनें ही की थी| वे एक पात्र को लेकर कभी नहीं चले, हर उपन्यास में उनके अलग अलग नायक होते थे| कैप्टन नेमो, एक ऐसा नायक है, जो उनके कुछ उपन्यासों में दुहराया गया है, और इस अद्भुत किरदार को कई यूरोपीय और अमेरिकी फिल्मों में महत्वपूर्ण जगह दी गई है| 


जुले वेर्न की दुनिया| (अगर कहीं से किसी
कॉपीराइट का उल्लंघन होता है, तो लेखक
इसके लिए क्षमाप्रार्थी है, और ये तस्वीर
निकाल दी जाएगी|)
यह प्रमुख किरदार पहली बार हमें 20,000 Leagues Under The Sea  नामक उपन्यास में मिलता है| इसमें कैप्टेन नेमो और उनकी पनडुब्बी नौटिलस का जिक्र मिलता है| पिएर्रे आरनौ  एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक, को उनके समूह के साथ गिरफ्तार कर पनडुब्बी के अंदर लाया जाता है, और इस तरह से पिएर्रे इस दुनिया को पनडुब्बी से भागने के बाद बयान करता हैं| मैं इस बात पर भी आपको बताना चाहूँगा कि जब यह उपन्यास लिखा गया था, तब तक पनडुब्बी के बारे में किसी ने सोचा तक  नहीं था, और इस उपन्यास के बाद लोगों के अंदर पनडुब्बी बनाने का ख्याल आया| 

एक दूसरे उपन्यास The Mysterious Island में कैप्टेन नेमो एक द्वीप पर फँसे हुए तीन लोगों की पूरी मदद करते हैं, और इसी दौरान अपनी आत्मकथा भी उन्हें सुनाते हैं| दोनों ही उपन्यास लाजवाब हैं, और अगर मैं यहाँ पर इसका बयान करू तो मुझे दो ब्लॉग लिखने पड़ेंगे, और आप में से कई लोग इन लाजवाब किताबों को पढ़ने से वंचित रह जायेंगे| इस लिए मैं उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी के बारे में इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं कहूँगा कि वास्तव में कैप्टेन नेमो एक हिंदुस्तानी हैं, और अंग्रेज़ों से 1857 की हार का बदला लेने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता था, वो सब उन्होनें किया, और अंत में उन्होनें सागर की शरण ली |

यह किरदार एक अद्वितीय मस्तिष्क का धनी है| यह कई भाषाएँ बोलता है, विज्ञान की पूरी समझ है, कला का शौकीन है| अपने सहयोगियों के लिए यह जान की बाज़ी लगा देता है, और सबसे बड़ी बात, यह अपने देश भारत से भरपूर प्रेम करता है| इन का सिद्धांत N है  और  उसके लिखा टेढ़े अक्षरों में लिखा हुआ है, गतिशीलता में गति|

कभी मौका मिले तो आप ये दोनों उपन्यास जरूर पढ़ें| विज्ञान गल्प के इतिहास में अमर, ये दोनों रचनाएँ आपका भरपूर मनोरंजन तो करेंगी ही, साथ में विज्ञान के कई सिद्धान्तों से आप परिचित भी होंगे| 

6 टिप्‍पणियां:

Prabodh Kumar Govil ने कहा…

rochak jankari.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

vaah......bahut khoob jankari....

E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedi ने कहा…

रोचक जानकारी, धन्यवाद.

संगीता पुरी ने कहा…

इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बेहतरीन पोस्ट-ब्लाग जगत में आपका स्वागत है।

आपकी पोस्ट ब्लाग4वार्ता पर,यहां क्लिक करे।

suresh kumar ने कहा…
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